8 से होंगे पथमेड़ा में पाटोत्सव समारोह

रजत जयन्ती समापन समारोह के अवसर पर

  • Posted On:
  • Dec 07 , 2019
  • Share on:
गोलासन में होगा भव्य गोनंदी प्रवेश समारोह
श्री महावीर हनुमान नंदीशाला गोलासन में श्री माहेश्वरी प्रगति मण्डल मुम्बई द्वारा निर्मित दो गोगृह का उद्घाटन एवं नंदी प्रवेश कार्यक्रम दिनांक 8 दिसम्बर 2019 को सांय 4 बजे परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानन्दजी महाराज एवं परम पूज्य मलूकपीठाधीश्वर  श्री राजेन्द्रदास देवाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य एवं गोगृह निर्माण के भामाशाहों तथा सैकड़ों गोभक्तों की उपस्थिति में होगा। 

गोधाम में गोमहिमा सत्संग कथा का होगा शुभारम्भ
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के 25 वें स्थापना वर्ष पर आयोजित श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा रजत जयन्ती समापन समारोह के अन्तर्गत संस्थापक परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानन्दजी महाराज के पावन सान्निध्य में आनन्दवन परिसर की पावन भूमि पर 8 से 12 दिसम्बर पर्यन्त प्रतिदिन सांय 8 बजे से श्री मलूकपीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेन्द्रदास देवाचार्यजी महाराज के श्रीमुख से गोमहिमा सत्संग का दिव्य लाभ प्राप्त होगा। 

नौ वर्षों बाद हो रही ‘‘गाय चरावत माखनचोर’’ रासलीला 
 श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के आनन्दवन परिसर में रजत जयन्ती के समापन समारोह पर नौ वर्षों बाद पुनः10 से 12 दिसम्बर 2019 पर्यन्त अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राष्ट्रपति  द्वारा सम्मानित सुप्रसिद्ध रासाचार्य स्वामी श्रीरामजी शर्मा, श्रीधाम वृन्दावन द्वारा ठाकुरजी की गोचारण लीला व माखनचोरी की सुमधुर संगीतमय भव्य प्रस्तुति का भी दिव्य कार्यक्रम सांय 7 बजे से प्रारम्भ होगा। 

पथमेड़ा में पाटोत्सव समारोह
रजत जयन्ती समापन समारोह के अन्तर्गत प्रतिदिन भगवान के मन्दिरों में पाटोत्सव समारोह प्रतिदिन 8 बजे से शुभारम्भ होंगे। 
जिसमें 8 दिसम्बर को गीता जयन्ती के पावन पर्व पर सामूहिक गीतापाठ, गीतायज्ञ एवं संगोष्टी के साथ ही गोमाता का पूजन एवं 1100 लड्डू व 1100 केलों से गोमाता का अर्चन , 9 दिसम्बर को श्री गिरीराजधरण भगवान का पूजनोपरान्त 1100 सेव तथा 1100 तुलसीदल से अर्चन, 10 दिसम्बर को  श्री गोधनेष्वर महादेव के पूजनोपरान्त 1100 अमरूद व 1100 बिल्वपत्र से अर्चन, 11 दिसम्बर को गोरक्षक श्री हनुमानजी के पूजनोपरान्त 1100 वड़बोर (बेर)  व 1100 तुलसीदल से अर्चन तथा 12 दिसम्बर को सद्गुरु दत्तात्रेय भगवान का 1100 सेव व 1100 तुलसीदल से अर्चन होगा।